Sunday, December 20, 2009

मेरा शहर



1. मकान मेरे शहर के कभी 'घर' बन ही नहीं पाते,
खरीदते ही लोग Property Appreciation Calculate करने लगते हैं.


2. मकानों की दीवारें भी यहाँ हैं कुछ कच्ची सी,
बगल के कमरे में धड़कते दिल  की  धडकनें भी साफ़  सुनाई दे जाती हैं…

अलबत्ता दिल की दीवारें काफी मज़बूत बनवा ली हैं सबने…


3. आज फिर लीकेज है दीवारों पर, छत पर फिर कोई अकेला रो रहा है...




Saturday, December 5, 2009

Paglaa


Join CHITRAKATHA on Facebook

Blog Widget by LinkWithin