वक्त की रेत फिसलती गई हाथों से और एक बरस और बीत गया, हम बदले न बदले एक कैलेंडर और बदल गया। कुछ वादे अधूरे रह गए कुछ इरादे भी बस आधी राह पहुंचे... कुछ मंजिलें हासिल हुईं...और कुछ चाँद की तरह नज़दीक दिख कर भी दूर खड़ी ललचाती रही...कुछ सपने पूरे हुए और कुछ पूरे होने के लिए रातों की नींदें हराम किए रहे...कभी दुश्मनों ने दोस्त बन पीठ थपथपाई तो कभी दोस्त दुश्मन बन पीठ में छुरे भोंकते रहे।
कुछ फासले तय हुए और कुछ उम्मीद से ज़रा ज़्यादा लंबे नज़र आने लगे... कुछ ठोकरें लगी...कुछ कदम डगमगाए... डगमगाते क़दमों को सँभालने और फिर राह पर वापस आने में पता भी न चला और एक और बरस बस मुट्ठी से दरकी रेत बन बीते समय के अपार मरुस्थल का हिस्सा बन गया।
आज वर्ष के अन्तिम दिवस जब करने बैठे लेखा जोखा - क्या खोया क्या पाया, तो पाया कि हर खोने में भी छिपा था कुछ ऐसा जो हमने पाया। हमने पाया तो ज़रूर पर वो खोने के गम में भीगी आंखों को नज़र ना आया।
अनुभवों की गठरी बढती जाती है पर भारी नहीं होती... ऐसे में अगर कुछ पाया और वो नज़र ना आया तो इसमें नज़रों का क्या दोष?
गुज़रे साल ने पूरी की कुछ उम्मीदें और कई बार कुछ ऐसा नज़ारा बना दिया जो उम्मीदों से कहीं परे था।
रंगभेद की दीवारों को भेद कोई राजसिंहासन पर हुआ आरूढ़, तो कभी चैन की बंसी बजाते बाज़ार की लहरों पर सवार समझदार नज़र आए गोते लगाते...कहीं निशाने पर स्वर्ण मिला और कहीं देश के अमन पर सधा निशाना।
आज वर्ष के अन्तिम दिन आनेवाले वर्ष से कुछ उम्मीदें ना रखना मुश्किल है -
ज़रूरत है एक ऐसे नए साल की, जो दे सके सुकून की गारंटी. जो आता हो आतंकवादप्रूफ़ पैक के साथ, एक ऐसा साल जो मार्केट की मंदी और मुनाफाखोरों की सुपर अकलमंदी से हमें बचा कर हमें इतना वक्त दे सके कि एक बार फिर वो खोया चैन-ओ-सुकून लौट आए जिसे खोये एक अरसा बीत गया लगता है.
बीता तो महज़ एक साल ही है मगर बेचैनी मानो सदियों लम्बी नज़र आने लगी है अब.
गहरी नींद सोये मानो एक ज़माना गुज़र गया अब तो नींद से बोझिल आँखें सुकून की नींद तो तरस सी गई हैं, पलकें और भारी और उनींदी हो चली हैं, चाहिए एक ऐसा साल जिसमें ये उनींदी आँखें कुछ ख्वाब बुन सकें. ऐसे ख्वाब जिनमें ना तो चलती गोलियों का शोर हो ना बाज़ार की मंदी का शराबा.
चाहिए एक ऐसा साल जिसमें एक बार फिर जी उठे वो जज़्बा जो ना जाने कहीं खो सा गया है...
चाहिए एक ऐसा साल जो अगर न लौटा सके मासूमों को उनके खोये अपने, कमसे कम उनकी गीली आँखों को फिर दे सकें कुछ नए सपने...
चाहिए एक ऐसा साल जो दे सके हौसला और एक यकीन कि हर गहराती रात के बाद सबेरा होता है, क्यूंकि ये रात जो गहराना शुरू हुयी तो बस गहराती ही चली गई है...कई नज़रों को अब भी है उस सबेरे का इंतज़ार जो छलिया बना छलता रहा अपने इंतज़ार में बसी पलकों को किसी झूठे वादे की तरह..
चाहिए एक ऐसा साल जो ले कर आए उस रात के राह भूले सवेरे को...
चाहिए एक ऐसा साल जो ले कर आए मुस्कुराने के और भी बहाने....
उम्मीदों पर दुनिया कायम है और उम्मीद के पालने में झूलते नन्हें 2009 से बस यही उम्मीद है कि उसके बढ़ते कदम कुछ ऐसे बढें कि उसकी ऊँगली थामे हम भी नाप आयें उन मंज़िलों को जिन्हें पाने कि चाह इस बरस अधूरी सी ही रह गई। छू लें वो आसमान जो अब तक नज़र आ रहा था हाथों की पकड़ से दूर ।
आप सभी को नव-वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ।
9 comments:
ईश्वर करे नया साल वैसा ही हो जैसा आप चाहते हैं।
हिन्दी में और भी लिखिये।
ati sundar..bahut hi umda tareeke se aapne apne vichaar vyakt kiye hain..
umeed hai ki aapka aur apke chahne walon ke liye ye nav varsh nayi khushiyan lekar aaye..
good post buddy..
:)
wah alokji maaza aagaya...ishwar aapki manokamna puri kare
Aapko bhi navvarsh ki hardik shubkamna.
happy wala new year ji...have loadsa fun! :))
Aapko naye saal ki shubkaamnaaye...
aur mujhey yeh post bahut bahut pasand aayi... :)
meaning ful post :)
aapko hi nav varsh ki shubh kaamnaayien..
@ Unmukt Ji - Aapke Charan Kamal Is Chitthe Par Pade..Main Aabhari Hoon..Naye Varsh Mein Hindi Lekhan Ki Poori Tayyari Hai..Darshan Aur Marg Darshan Dete Rahiye :)
@ Swati - Bahut Bahut Dhanyawaad. Ishwar Karey Ye Varsh Aapke Aur Aapke Apno Ke Liye Bhi Nayi Khushiyaan Le Kar aaye.
@ Abhishek - Dhanyawaad Abhishek Ji...Humari Ek Hi Manokaamna Hai - Sarve Bhavantu Sukhinah..
@ Sneha - Dhanyawaad!Aapko Aur Aapke Apno Ko Bhi Nav Varsh Ki Hardik Shubhkaamnaayein..
@ Trinaa - O ji Aapko Bhi Happy wala New Year!!
@ Harshita - Post Pasand Karne Ke Liye Dhanyawaad...Aapko Bhi Nav Varsh Ki hardik Shubhkaamnaayein..
@ Richa - Yeh To Mann Ke Udgaar The...Inmein Meaning Dhoondh Paana Aapki Mahanta Hai..Nav Varsh Ki Hardik Shubhkaamnaayein..
Aaiyo.. Inna saara hindi mein..
Khair.. koi nahi.. Aap ko bhi nav varsh ki hardik shubhkaamnaae :)
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